| 1. | आमाषय सामान्यत: भोजन पचाने हेतु जठर रस का निर्माण करता है।
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| 2. | आमाषय सामान्यत: भोजन पचाने हेतु जठर रस का निर्माण करता है।
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| 3. | आमाशय की भित्तियों में बहुसंख्या में स्थित पाचनग्रंथियाँ जठर रस का निर्माण करती हैं।
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| 4. | इन प्रतिवर्तों के कारण आमाशय की गतिशीलता और जठर रस का स्राव कम हो जाता है।
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| 5. | आमाशय की पेशीय दीवार के संकुचन द्वारा भोजन अम्लीय जठर रस से पूरी तरह मिल जाता है जिसे काइम (
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| 6. | जठर रस में उपस्थित श्लेष्म एवं बाइकार्बोनेट श्लेष्म उपकला स्तर का स्नेहन और अत्यधिक सांद्रित हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से उसका बचाव करते हैं।
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| 7. | जठर रस में उपस्थित श्लेष्म एवं बाइकार्बोनेट श्लेष्म उपकला स्तर का स्नेहन और अत्यधिक सांद्रित हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से उसका बचाव करते हैं।
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| 8. | नवजातों के जठर रस में रेनिन नामक प्रोटीन अपघटनीय एंजाइम होता है जो दूध के प्रोटीन को पचाने में सहायक होता है।
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| 9. | नवजातों के जठर रस में रेनिन नामक प्रोटीन अपघटनीय एंजाइम होता है जो दूध के प्रोटीन को पचाने में सहायक होता है।
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| 10. | आमाशय की पेशीय दीवार के संकुचन द्वारा भोजन अम्लीय जठर रस से पूरी तरह मिल जाता है जिसे काइम (chyme) कहते हैं।
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